46. ज्योतिष्कदेव जिनालय पूजा
पूजा नं.-46 ज्योतिष्कदेव जिनालय पूजा अथ स्थापन-शंभू छंद पृथ्वी से सात शतक नब्बे, योजन ऊपर ज्योषिक सुर हैं। रवि शशि ग्रह नखत और तारे, ये पाँच भेद ज्योतिष सुर हैं।। सबके विमान में जिनमंदिर, मणिमय शाश्वत जिनप्रतिमायें। उनको आह्वानन कर पूजूँ, ये मोक्षमार्ग को दिखलायें।।१।। ॐ ह्रीं ज्योतिष्कदेवविमानस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं…