36. रुचकगिरि जिनालय पूजा
पूजा नं.-36 रुचकगिरि जिनालय पूजा अथ स्थापन-गीता छंद वर द्वीप तेरहवां रुचकवर, बहुरुचिक विख्यात है। इस मध्य वलयाकार सुंदर, रुचकवर नग ख्यात है।। योजन चुरासी सहस विस्तृत, तुंग भी इतना कहा। चारों दिशा के जिनभवन को, भक्ति वश पूजूँ यहाँ।।१।। ॐ ह्रीं रुचकवरपर्वतसंबंधिचतुर्दिक सिद्धकूटजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं रुचकवरपर्वतसंबंधिचतुर्दिक सिद्धकूटजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र…