दीक्षार्थी और दीक्षा
“…दीक्षार्थी और दीक्षा…” श्री कुंदकुंदस्वामी दु:खों से छुटकारा चाहने वाले पुरुषों को मुनिपद ग्रहण करने की प्रेरणा करते हैं- एवं पणमिय सिद्धे, जिणवरवसहे पुणो पुणो समणे। पडिवज्जद सामण्णं, जदि इच्छदि दुक्खपरिमोक्खं।।१।। हे भव्यजीवों! यदि आप लोग दु:खों से छुटकारा चाहते हैं तो इस प्रकार सिद्धों को, जिनवरों में श्रेष्ठ तीर्थंकर अर्हन्तों को और आचार्योपाध्याय सर्व…