ब्रह्म ब्रह्मोत्तर इंद्र के नगर
ब्रह्म ब्रह्मोत्तर इंद्र के नगर ब्रह्म युगल के ४ इंद्रक में अंतिम इंद्रक का नाम ‘ब्रह्मोत्तर’ है। उस ब्रह्मोत्तर इंद्रक के दक्षिण में चौदहवें श्रेणीबद्ध विमान में ‘ब्रह्मेन्द्र’ का नगर है। उसका विस्तार ६०००० योजन है। इसका प्राकार १२-१/२ योजन विस्तृत, २०० योजन ऊँचा है। इस प्राकार की प्रत्येक दिशा में २०० गोपुर द्वार हैं,…