पुष्करिणी एवं सौधर्म इन्द्र के भवनों का वर्णन
पुष्करिणी एवं सौधर्म इन्द्र के भवनों का वर्णन उस वन की आग्नेय दिशा में उत्पलगुल्मा, नलिना, उत्पला और उत्पलोज्ज्वला ये चार ‘पुष्करिणी’ हैं। ये पुष्करिणी पच्चीस योजन लंबी, साढ़े बारह योजन विस्तृत और पाँच योजन गहरी हैंं। ये जलचर जीवों से रहित, स्वच्छ जलभरी, उत्तम वेदी व तोरणों से वेष्टित, कीचड़ से रहित व हानि…