(४) षोडशकारण व्रत
(४) षोडशकारण व्रत मेघमालाषोडशकारणञ्चैतद्द्वयं समानं प्रतिपद्दिनमेव द्वयोरारम्भं मुख्यतया करणीयम्। एतावान् विशेष: षोडशकारणे तु आश्विनकृष्णा प्रतिपदा एव पूर्णाभिषेकाय गृहीता भवति, इति नियम:। कृष्णपंचमी तु नाम्न एव प्रसिद्धा। अर्थ-मेघमाला और षोडशकारण व्रत दोनों ही समान हैं। दोनों का आरंभ भाद्रपद कृष्णा प्रतिपदा से होता है परन्तु षोडशकारण व्रत में इतनी विशेषता है कि इसमें पूर्णाभिषेक आश्विन-कृष्णा प्रतिपदा…