धातकीवृक्ष शाल्मलीवृक्ष जिनालय वन्दना
धातकीवृक्ष शाल्मलीवृक्ष जिनालय वन्दना —नरेन्द्र छंद— विजयमेरु ईशानदिशा में वृक्ष धातकी सोहे। नैऋत दिश में वृक्ष शाल्मलि सुरगण का मन मोहे।। इक इक के परिवार तरु दो, लाख सहस अस्सी हैं। दोसौ अड़तीस इतने सब में, प्रतिमा शाश्वतकी हैं।।१।। —नाराच छंद— जिनेश बिंब एक सौ सुआठ सर्व वृक्ष में। प्रमुख्यता धरे महान एक ही तरु…