णमोकार महामंत्र पूजा
“…णमोकार महामंत्र पूजा…” रचयित्री-गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी -स्थापना (गीता छंद)- अनुपम अनादि अनंत है, यह मंत्रराज महान है। सब मंगलों में प्रथम मंगल, करत अघ की हान है।। अर्हंत सिद्धाचार्य पाठक, साधुओं की वंदना। इन शब्दमय परब्रह्म को, थापूँ करूँ नित अर्चना।।१।। ॐ ह्रीं अनादिनिधन-पंचनमस्कारमंत्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं अनादिनिधन-पंचनमस्कारमंत्र! अत्र तिष्ठ…