नरक में अवधिज्ञान का वर्णन
नरक में अवधिज्ञान का वर्णन नरक में उत्पन्न होते ही अंतर्मुहूर्त के बाद छहों पर्याप्तियाँ पूर्ण हो जाती हैं और भवप्रत्यय अवधिज्ञान प्रगट हो जाता है। जो मिथ्यादृष्टी नारकी हैं उनका अवधिज्ञान विभंगावधि-कुअवधि कहलाता है एवं सम्यक्दृष्टि नारकियों का ज्ञान अवधिज्ञान कहलाता है।