12. अहिंसा सर्वश्रेष्ठ धर्म है
अहिंसा सर्वश्रेष्ठ धर्म है श्री ज्ञानमती माताजी के प्रवचन धम्मो मंगलमुद्दिट्ठं अहिंसा संजमो तवो। देवा वि तस्स पणमंति जस्स धम्मे सया मणो।। संसार में समस्त प्राणियों के लिए धर्म मंगल स्वरूप है ऐसा जिनेन्द्रदेव ने कहा है। वह धर्म अहिंसा, संयम और तपरूप भी है, जो व्यक्ति अपने मन में उस धर्म को धारण...