सातवें परिच्छेद का सार
सातवें परिच्छेद का सार अंतरंगार्थ एवं बहिरंगार्थ के एकांत का खंडन एवं स्याद्वाद सिद्धि (कारिका ७९ से ८७ तक) विज्ञानाद्वैतवादी बौद्ध कहता है कि अंतरंगार्थ विज्ञान मात्र ही एक तत्त्व है किन्तु दिखने वाले बहिरंग पदार्थ कुछ भी नहीं हैं ये तो कल्पना मात्र हैं। ये सब बाह्य पदार्थ इंद्रजालिया के खेल के समान हैं…