07. प्रकीर्णक तारक जिनालय पूजा
पूजा नं.-6 प्रकीर्णक तारक जिनालय पूजा अथ स्थापना-शंभु छंद एकेक शशि के प्रकीर्णक, तारे चमकते गगन में। छ्यासठ सहस नौ सौ पचहत्तर कोटिकोटी अधर में।। ये अर्ध गोलक सम इन्हों के, मध्य ऊँचे कूट हैं। उन पर जिनेश्वर धाम पूजूँ, जैन प्रतिमा युक्त हैं।।१।। ॐ ह्रीं मध्यलोके प्रकीर्णकताराविमानस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। …