भजन
“…भजन…” -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती तर्ज-देखो तेरहद्वीप के अंदर…… हीरक जन्मजयंती आई, ज्ञानमती माताजी की-२। ज्ञान की मूरत ज्ञान की सूरत, ज्ञान की गंगा हैं माता-२। ज्ञानदीप से करें आरती, ज्ञानमती माताजी की।।१।। जिनवर कन्या गणिनी माता, जग की पूज्य धरोहर हैं। अष्टद्रव्य से करें अर्चना, ज्ञानमती माताजी की।।२।। मूलाचार व नियमसार अरु समयसार इनमें दिखता।…