7.02 छह आवश्यक अधिकार का सार-मूलाचार से
छह आवश्यक अधिकार का सार-मूलाचार से पंच नमस्कार- काऊण णमोक्कारं अरहंताणं तहेव सिद्धाणं।आइरिय उवज्झाए लोगम्मि य सव्वसाहूणं।।५०२।। अरिहंति णमोक्कारं अरिहा पूजा सुरुत्तमा लोए।रजहंता अरिहंति य अरहंता तेण उच्चंदे।।५०५।। दीहकालमयं जंतू उसिदो अट्ठकम्महिं।सिद्धे धत्ते णिधत्ते य सिद्धत्तमुवगच्छइ।।५०७।। सदा आयारबिद्दण्हू सदा आयरियं चरो।आयारमायारवंतो आयरिओ तेण उच्चदे।।५०९।। बारसंगे जिणक्खादं सज्झायं कथितं बुधे।उवदेसइ सज्झायं तेणुवज्झाउ उच्चदि।।५११।। णिव्वाणसाधए जोगे सदा...