04.5 जिन प्रतिमा और पंचकल्याणक प्रतिष्ठा
जिन प्रतिमा और पंचकल्याणक प्रतिष्ठा गृहस्थ को आत्मकल्याण के लिये पंच-परमेष्ठी की स्तुति एवं पूजा प्रतिदिन करना चाहिये। देवपूजा, गुरुपास्ति स्वाध्याय, संयम, तप, और दान इन षट्कर्मों के आलम्बन नव देवता हैं। अरहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, सर्वसाधु, जिनागम, जिनधर्म, जिनमन्दिर और जिनप्रतिमा ये नव देवता हैं। प्रत: अपनी उपासना में श्रावक इनकी आराधना करके वीतरागता…