पंचम काल
पंचम काल पुन: दुष्षमाकाल प्रवेश करता है। इस काल में मनुष्य तिर्यंचों का आहार बीस वर्ष तक पहले के समान रहता है। इस काल के प्रथम प्रवेश में उत्कृष्ट आयु बीस वर्ष और ऊँचाई तीन हाथ प्रमाण होती है इस काल में एक हजार वर्षों के शेष रहने पर भरतक्षेत्र में चौदह कुलकरों की उत्पत्ति…