02. जीवाधिकार एवं अजीवाधिकार पूजन
(पूजा नं.-2) जीवाधिकार एवं अजीवाधिकार पूजन स्थापना-अडिल्ल छन्द समयसार के दश अधिकारों में प्रथम। और दुतिय अधिकार का इसमें है कथन।। इसका अर्चन भेदज्ञान प्रगटाएगा। पूजक तो श्रुतपूजन का फल पाएगा।।१।। -दोहा- समयसार की अर्चना, करे शुद्ध नित भाव। आह्वानन स्थापना, दे शुद्धातम भाव।।२।। ॐ ह्रीं जीवाधिकार-अजीवाधिकारसमन्वित श्रीसमयसार ग्रंथराज! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …