36. दर्शन समीक्षा
दर्शन समीक्षा जिसके द्वारा वस्तुतत्त्व का निर्णय किया जाता है, वह दर्शन शास्त्र है। कहा भी है-‘दृश्यते निर्णीयते वस्तुतत्त्वमनेनेति दर्शनम्’। इस लक्षण से दर्शन शास्त्र तर्व-वितर्व मन्थन ये परीक्षास्वरूप हैं, जो कि तत्त्वों के निर्णय में प्रयोजक हैं, जैसे-यह संसार नित्य है या अनित्य? इसकी सृष्टि करने वाला कोई है या नहीं? आत्मा का स्वरूप…