04. तेरहद्वीप शाश्वत जिनमंदिर पूजा
(पूजा नं. 2) तेरहद्वीप शाश्वत जिनमंदिर पूजा अथ स्थापना (शंभु छंद) श्री स्वयंसिद्ध जिनमंदिर यहाँ पर, चार शतक अट्ठावन हैं। मणिमय अकृत्रिम जिनप्रतिमा, ऋषि मुनिगण के मनभावन हैं।। सौ इंद्रों से वंदित जिनगृह, मैं इनकी पूजा नित्य करूँ। आह्वानन संस्थापन करके, निज के सन्निध नित्य करूँ।।१।। ॐ ह्रीं तेरहद्वीपसंबंधिपंचमेर्वादिचतु:शतअष्टपंचाशत्जिनालय- जिनबिंबसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं।…