01. चैत्य वन्दना
चैत्य वन्दना मध्यलोक के चार शतक, अट्ठावन अकृत्रिम मंदिर । सबमें इक सौ अठ जिन प्रतिमा, वंदूँ मैं मस्तक नतकर ।। आठ कोटि औ छप्पन लाख, सहस सत्तानवे चार शतक । इक्यासी जिनगृह अकृत्रिम, तीन लोक के नमूँ सतत ।।१।। नव सौ पच्चीस कोटि त्रेपन, लाख सत्ताइस सहस प्रमाण । नव सौ अड़तालिस जिनप्रतिमा, शिव…