05. अभीक्ष्णज्ञानोपयोग भावना
अभीक्ष्णज्ञानोपयोग भावना सोलह कारण भावना ज्ञानभावनायां नित्ययुक्तता ज्ञानोपयोग:।।४।। जीवादि पदार्थों को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से जानने वाले मति, श्रुत, अवधि आदि पाँच ज्ञान हैं। इनमें से जो जिनेन्द्र भगवान् के मुखकमल से निकले हुए वचन हैं, उन्हें ही गणधर आदि ऋषियों ने आगम रूप से गूँथा है। उन्हीं की परम्परागत अंश आज भी ग्रंथों…