10. जंबूद्वीपस्थ जंबूवृक्ष शाल्मलिवृक्ष
पूजा नं.-7 जंबूद्वीपस्थ जंबूवृक्ष शाल्मलिवृक्ष जिनालय पूजा अथ स्थापना-गीता छंद गिरि मेरु के उत्तर दिशी उत्तरकुुरू शोभे अहा। उसमें सुदिक् ईशान के जंबूतरू राजे महा।। दक्षिण दिशा में देवकुरु नैऋत्य कोण सुहावनी। तरु शाल्मली शुभरत्नमय, सुन्दर दिखे शाखाघनी।।१।। -दोहा- दोनों तरु की शाख पर, दो श्री जिनवर गेह। आह्वानन कर मैं जजूँ, सदा हृदय धर…