06. 108 मंत्रों से अर्घ्य
108 मंत्रों से अर्घ्य -दोहा- प्रभु अनंतगुण के धनी, मुनिसुव्रत भगवान। मंत्र एक सौ आठ से, पूजूँ सौख्य निधान।।१।। अथ द्वितीयवलये मंडलस्योपरि पुष्पांजलिं क्षिपेत्। ॐ ह्रीं त्रिलोक-त्रिकालवर्तिसर्वद्रव्यपर्यायात्मकवस्तुस्वरूपज्ञायकाय सर्वज्ञनामप्राप्ताय श्रीमुनिसुव्रतनाथतीर्थंकराय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा।।१।। ॐ ह्रीं सर्वचराचरजगद्वित्ज्ञानप्रदाय सर्वविन्नामधारकाय श्रीमुनिसुव्रत- नाथतीर्थंकराय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा।।२।। …