05. पूर्वाचार्यों द्वारा लिखित ग्रन्थ प्रमाण हैं
पूर्वाचार्यों द्वारा लिखित ग्रन्थ प्रमाण हैं आगम में जहां दो मत आये हैं वहां टीकाकारों ने दोनों को प्रमाण मानने को कहा है किन्तु एक स्थान पर स्वयं धवला टीकाकार श्री वीरसेनाचार्य ने कहा है कि ‘गोदमो एत्थ पुच्छेयव्वो’’ गौतमस्वामी से पूछना चाहिये चूँकि वे मन:पर्ययज्ञान के धारी, सप्त ऋद्धियों से समन्वित भगवान महावीर स्वामी…