05. श्रीनिचय महर्षि पूजा
(पूजा नं. 4) श्रीनिचय महर्षि पूजा -स्थापना- सप्तऋषी में तीसरे, हैं श्रीनिचय ऋषीश। उनकी पूजन हेतु मैं, नमूँ नमाकर शीश।।१।। आह्वानन स्थापना, सन्निधिकरण महान। करके मन में भावना, है हो मम कल्याण।।२।। ॐ ह्रीं श्रीनिचयमहर्षे! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …