02. ज्योतिष्क देव जिनालय पूजा
पूजा नं.-1 ज्योतिष्क देव जिनालय पूजा अथ स्थापना-शंभु छंद पृथ्वी से सात शतक नब्बे, योजन ऊपर ज्योतिष सुर हैं। रवि शशि ग्रह नखत और तारे, ये पाँच भेद ज्योतिष सुर हैं।। सबके विमान में जिनमंदिर, मणिमय शाश्वत जिनप्रतिमायें। उनको आह्वानन कर पूजूँ, ये मोक्षमार्ग को दिखलायें।।१।। ॐ ह्रीं ज्योतिष्कदेवविमानस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। …