अथ मुखशुद्धिमुक्तकरण विधि:
अथ मुखशुद्धिमुक्तकरण विधि: दीक्षा के दिन दीक्षा लेने वाले मुनि या आर्यिका आदि का उपवास रहता है। अगले दिन आहार के पहले अपनी वसतिका में आचार्यदेव शुद्ध गर्म जल ब्रह्मचारी या गृहस्थ श्रावक से मंगवाकर ‘मुखशुद्धिमुक्तकरणविधि’ करावें। पं. पन्नालाल जी सोनी, ब्यावर वालों ने इस विधि का ऐसा अर्थ किया था कि आज तक सप्तम…