01. मंगल स्तोत्र
मंगल स्तोत्र -पृथ्वी छंद- शतेन्द्र – मुनिवृंद – वंदित – मनोज्ञ – सौन्दर्यभृत्। सुषोडश च तीर्थकृत् त्वमिह पंचमश्चक्रभृत्।। स्तुते त्वयि च पूज्यपाद-मुनिनामले स्तो दृशौ। ममापि खलु शान्तिनाथ! वितनु प्रसन्नां दृशम्।।१।। -शम्भु छन्द– सौ इन्द्र वंद्य मुनिवृंदवंद्य, बारहवें कामदेव सुन्दर। षोडश तीर्थंकर शांतिनाथ! प्रभु आप पाँचवें चक्रेश्वर।। स्तोता मुनि पूज्यपाद की, तुमने दृष्टी…