14. पश्चिम धातकीखण्ड भरतक्षेत्र वर्तमान तीर्थंकर स्तोत्र
(चौबीसी नं. १४) पश्चिम धातकीखण्ड भरतक्षेत्र वर्तमान तीर्थंकर स्तोत्र नरेन्द्र छंद पश्चिम द्वीपधातकी में वर, अचलमेरु नित सोहे। उसके दक्षिण दिश मे सुंदर, भरतक्षेत्र मन मोहे।। वर्तमान चौबीस जिनेश्वर, चौथे युग में जानो। मन-वच-तन से शीश नमाकर, भव-भव का दु:ख हानो।।१।। दोहा ‘विश्वचंद्र’ तीर्थेश नित, करते भवि मन बोध। शीश नमाकर मैं नमूँ, पाऊँ निज-पर…