श्री ईश्वर तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति
श्री ईश्वर तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति —सखी छंद— पुष्कर में अपर विदेहा, सीतोदा नदि तट गेहा। सुर वंदित नगरि सुसीमा, ‘गलसेन’ पिता की महिमा।।१।। माँ ‘ज्वालामति’ सुत जन्में, सुर जन्ममहोत्सव कीने। ‘ईश्वरप्रभु’ नाम तुम्हारा, है सूर्य चिन्ह सुखकारा।।२।। वैराग्य समाया मन में, दीक्षा धारी प्रभु वन में। इंद्रों से पूजा पाई, हम वंदें मन हर्षायी।।३।। प्रभु…