04. भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र!
(चौबीसी नं. ४) जम्बूद्वीप ऐरावत क्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र शंभु छंद वर जंबूद्वीप प्रथम इसमें, है क्षेत्र सातवां मन मोहे। ऐरावत क्षेत्र उसे जानो, सुरगिरि के उत्तर दिश सोहे।। छहकाल परावर्तन इसमें, चौथे में तीर्थंकर होते। जिनवर अतीत को भक्ती से, वंदन करके हम मल धोते।।१।। चौपाई ‘पंचरूप’ जिनराज महान्, धर्मतीर्थकर सुख की खान। शीश…