भगवान पार्श्वनाथ दशभव की काव्यकथा
प्रिय पाठकों! जैनधर्म के २३वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के संघर्षशील जीवन से आप सभी को परिचित कराने हेतु यहाँ पर उनके दश भवों का कथानक काव्य में प्रस्तुत किया जा रहा है। मरुभूति की पर्याय से उन्होंने किस प्रकार अपने भाई कमठ के द्वारा किये गये उपसर्गों को सहन कर-करके स्वयं को तीर्थंकर पार्श्वनाथ बनाया,…