62. पंच अनुत्तर जिनालय पूजा
पूजा नं.-62 पंच अनुत्तर जिनालय पूजा अथ स्थापन-नरेन्द्र छंद विजय वैजयंता जयंत अपराजित चहुंदिश सोहें। मध्य धवज सर्वार्थसिद्ध इंद्रक सुरगण मन मोहे।। इन पाँचों के पाँच जिनालय, आह्वानन कर पूजूँ। शिव कन्या के लिये स्वयंवर, मंडप सम नित पूजूूँ।।१।। ॐ ह्रीं पंचानुत्तरविमानस्थितपंचजिनलायजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं पंचानुत्तरविमानस्थितपंचजिनलायजिनबिम्ब समूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ:…