श्री देवयश तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति
श्री देवयश तीर्थंकर पंचकल्याणक स्तुति आवो हम सब करें वंदना, प्रभु के पंचकल्याण की। इंद्र सभी मिल भक्ती करते, तीर्थंकर भगवान की।। वंदे जिनवरं -४ ।।टेक.।। पश्चिम पुष्कर अपर विदेहे, सीतोदा के दक्षिण में। श्रीभूती पितु गंगा देवी, मात सुसीमा नगरी में।। गर्भ बसे प्रभु स्वप्न दिखाकर, पूजा गर्भकल्याण की। इंद्र सभी मिल भक्ती करते,…