34. कृत्रिम जिनालय पूजा
पूजा नं.-31 कृत्रिम जिनालय पूजा अथ स्थापना-नरेन्द्र छंद ढाई द्वीप में पाँच भरत हैं, पाँच कहे ऐरावत। पाँच महाविदेह क्षेत्रों में, कर्मभूमि है शाश्वत।। सुर नर निर्मापित बहु पूजित, मुनि गण से नित वंदित। जिनप्रतिमा जिनमंदिर अगणित, थापूँ यहाँ जजूँ नित।।१।। ॐ ह्रीं सार्धद्वयद्वीपसंबंधिपंचदशकर्मभूमिस्थितकृत्रिमजिनालयजिनबिम्ब- समूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। …