28. सीता ने मुनिरामचन्द्र को विचलित करने का प्रयास किया
सीता ने मुनिरामचन्द्र को विचलित करने का प्रयास किया (२७०)कई वर्षों तक श्री रामचंद्र, मुनि वन में सुनो विहार किया।फिर कोटिशिला पर जाकर के, निजयोगलीन हो ध्यान किया।।सीता ने जाकर स्वर्गों में, निज अवधिज्ञान से ये जाना।श्री रामचंद्र हैं ध्यानरूढ़, तब उनका मन भी ना माना।। (२७१)सोचा यदि विचलित कर दूँ मैं, तो मोक्ष नहीं…