20. अचलमेरु सम्बंधी षट्कुलाचल जिनालय पूजा
(पूजा नं.20) अचलमेरु सम्बंधी षट्कुलाचल जिनालय पूजा —अथ स्थापना—गीताछंद— सुरगिरि अचल के दक्षिणोत्तर, में कुलाचल षट् कहे। हिमवन महाहिमवन निषध, नीलाद्रि रुक्मी शिखरि हैं।। इन भूभृतों के पूर्व दिश में, श्री जिनालय सोहने। थापूँ यहाँ उनके जिनेश्वर, बिंब को मन मोहने।।१।। ॐ ह्रीं श्रीअचलमेरुसंबंधिषट्कुलाचलस्थितसिद्धकूटजिनालयस्थ-सर्वजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीअचलमेरुसंबंधिषट्कुलाचलस्थितसिद्धकूटजिनालयस्थ-सर्वजिनबिम्बसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ:…