06. पूर्वधातकीखण्डद्वीपसंबंधि विहरमाण
पूजा नं.-3 पूर्वधातकीखण्डद्वीपसंबंधि विहरमाण तीर्थंकर पूजा -अथ स्थापना (गीता छंद)- वर पूर्व धातकिखण्ड में, जो पूर्व अपर विदेह हैं। उनमें सदा विहरें जिनेश्वर, चार शिव परमेश हैं।। उन कर्मभूमी में सदा, जिनधर्म अमृत बरसता। मैं पूजहूँ आह्वान कर, निज आत्म अनुभव छलकता।। ॐ ह्रीं अर्हं पूर्वधातकीखण्डद्वीपसंबंधिपूर्वापरविदेहक्षेत्रस्थसंजातकस्वयंप्रभ- ऋषभाननअनंतवीर्यतीर्थंकरसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं । …