प्रथमानुयोग में क्या है ?
प्रथमानुयोग में क्या है ? -गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी प्रथमानुयोगमर्थाख्यानं चरितं पुराणमपि पुण्यम्। बोधिसमाधिनिधानं बोधति बोधः समीचीनः।।१।। अर्थ– जो शास्त्र परमार्थ के विषयभूत धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष पुरुषार्थ का कथन करने वाला है, एक पुरुष के आश्रित कथा को, त्रेसठ शलाका पुरुषों के चरित्र को तथा पुण्य के आस्रव करने वाली कथाओं को कहता…