22. जाप्यानुष्ठान प्रारंभ विधि
जाप्यानुष्ठान प्रारंभ विधि (जाप्य विधि के प्रारम्भ में मंगलाष्टक पढ़ें) जटांतौ बिंदुसंयुक्तौ, कला वं पं सुवेष्टितम्। सोममध्ये लिखित्वाम्भो, मध्ये स्नानादिकं चरेत्।।१।। भावार्थ—एक रकेबी में अर्ध चन्द्र का आकार केशर से सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली से बनायें, उसके बीच में झं ठं और अधोरेखा पर दक्षिणावर्त क्रम से १६ स्वर और ऊपर की रेखा पर…