02.95 पूजा नं.-95 शुक्र महाशुक्र जिनालय पूजा
पूजा नं.-95 शुक्र महाशुक्र जिनालय पूजा अथ स्थापन-गीता छंद चालिस हजार विमान शुक्र व महाशुक्र सुकल्प में। इनमें जिनेन्द्र निकेत शाश्वत शोभते अति मध्य में।। गणधर मुनीश्वर इंद्र शत सुर नर खगाधिप वंदते। मैं पूजहूँ आह्वान कर ये कर्म पर्वत खंडते।। ॐ ह्रीं शुक्रमहाशुक्रस्वर्गमध्यस्थितचत्वािंरशत्सहस्रजिनलायजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं शुक्रमहाशुक्रस्वर्गमध्यस्थितचत्वािंरशत्सहस्रजिनलायजिनबिम्ब समूह! अत्र तिष्ठ…