10.(6.4) भगवान ऋषभदेव का मोक्षगमन
भगवान ऋषभदेव का मोक्षगमन (आदिपुराण ग्रंथ से) कर्मों के मूल भेद आठ हैं और उत्तरभेद एक सौ अड़तालीस हैं।।३१०-३११।। प्रकृति आदि के भेद से बन्ध चार प्रकार का जानना चाहिए तथा कर्म उदय में आकर ही फल और बन्ध के करण होते हैं। भावार्थ— पहले के बँधे हुए कर्मों का उदय आने पर ही उनका…