52. समस्त तीर्थंकरों को केवलज्ञान की प्राप्ति कितने उपवास के बाद हुई
समस्त तीर्थंकरों को केवलज्ञान की प्राप्ति कितने उपवास के बाद हुई वृषभमल्लीशपाश्र्वानामष्टमेन चतुर्थतः। जयाजस्य ययुःशेषाश्छद्मस्था हानिषष्ठतः।।२५३।। ‘वृषभनाथ, मल्लिनाथ और पार्श्र्वनाथ को तेला के बाद,वासुपूज्य को एक उपवास के बाद और शेष तीर्थंकरों को बेला के बाद केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी। (हरिवंशपुराण सर्ग—६०, पृ. ७२४)