9.24‘‘इच्छामि भंते !’’ (संक्षिप्त हिन्दी अनुवाद)
‘‘इच्छामि भंते !’’ (संक्षिप्त हिन्दी अनुवाद) हे भगवन् ! सूत्र (आगम) के मूलपदों की और उत्तर पदों की आसादना (अवहेलना) होने पर जो कोई दोष उत्पन्न हुआ है उस दोष के निराकरण करने की इच्छा करता हूँ। तद्यथा इसके द्वारा वही कहते हैं— णमो अरहंताणं इत्यादि पंचनमस्कारपद, अर्हंतपद, सिद्धपद, आचार्यपद, उपाध्यायपद, साधुपद, चत्तारिमंगलं इत्यादि मंगलपद,…