8.(5.4) चौबीस तीर्थंकरों का विशेष परिचय
चौबीस तीर्थंकरों का विशेष परिचय (हरिवंशपुराण से) भगवान् नेमि जिनेन्द्र ने मनुष्य, सुर तथा असुरों की सभा में उस धर्म का निरूपण किया जो संसार—सागर से पार होने का एकमात्र उपाय था एवं जो सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक् चरित्र रूपी रत्नत्रय से उज्ज्वल था।।१३४।। अवसर आने पर अत्यन्त आदर से पूर्ण इच्छा के धारक श्रीकृष्ण…