11.2 कौन करते हैं उत्तम ध्यान
कौन करते हैं उत्तम ध्यान ज्ञानार्णव ग्रन्थ में आचार्य श्रीशुभचन्द्र स्वामी ने ध्यान का वर्णन करते हुए कहा है— शतांशमपि तस्याद्य, न कश्चिद्वक्तुमीश्वरः। तदेतत्सुप्रसिद्ध्यर्थं, दिगमात्रमिह वर्ण्यते।। अर्थात् द्वादशांग सूत्र में जो ध्यान का लक्षण विस्तार सहित कहा गया है, उसका शतांश—सौवां भाग भी आज कोई कहने में समर्थ नहीं है, फिर भी उसकी प्रसिद्धि के…