44. भूतदेव जिनालय पूजा
पूजा नं.-44 भूतदेव जिनालय पूजा अथ स्थापन-अडिल्ल छंद व्यंतरसुर में भूत जाति के देव हैं। रत्नप्रभा खरभाग में इनके गेह हैं।। चौदह सहस भवन में जिनगृह शाश्वते। भवनपुरादिक जिनगृह पूजूँ थापके।।१।। ॐ ह्रीं भूतव्यंतरदेवभवनभवनपुरआवासस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं भूतव्यंतरदेवभवनभवनपुरआवासस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ ह्रीं भूतव्यंतरदेवभवनभवनपुरआवासस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र मम…