10. सातवीं भवन भूमिपूजा
पूजा नं.—9 सातवीं भवन भूमिपूजा अथ स्थापना—नरेन्द्र छंद भवन भूमि में भवन बने हैं, अतिशय ऊँचे-ऊँचे। इनमें देव देवियाँ किन्नर, क्रीड़ा करने पहुँचे।। चारों गतियों में नव-नव, स्तूप बने मणियों के। उनमें रत्नमयी जिनप्रतिमा, पूजूँ श्रद्धा करके।।१।। ॐ ह्रीं चतुा\वशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितभवनभूमिसंबंधिनवनवस्तूप-मध्यविराजमानसर्वजिनप्रतिमासमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं चतुा\वशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितभवनभूमिसंबंधिनवनवस्तूप-मध्यविराजमानसर्वजिनप्रतिमासमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ…