15. दसधर्म महत्त्व
”दस धर्म महत्त्व” सिद्धिप्रासादनि:श्रेणी-पंक्तिवत् भव्यदेहिनाम् ।दशलक्षणधर्मोऽयं, नित्यं चित्तं पुनातु न:।।१।। भव्य जीवों के सिद्धिमहल पर चढ़ने के लिये सीढ़ियों की पंक्ति के समान यह दशलक्षणमय धर्म नित्य ही हम लोगों के चित्त को पवित्र करे । दशलक्षण पर्व वर्ष में तीन बार आता है – भादों के महीने में , माघ के महीने में…