03 . सुदर्शनमेरु जिनालय पूजा
(पूजा नं.3) सुदर्शनमेरु जिनालय पूजा —अथ स्थापना—दोहा— मध्यलोक के मध्य में, मेरु सुदर्शन नाम। जंबूद्वीप विषे कहा, प्रथम गिरीन्द्र प्रधान।।१।। चारों वन के चार दिश, सोलह जिनवर सद्म। आह्वानन विधि मैं करूँ, पूजूँ जिनपद पद्म।।२।। ॐ ह्रीं श्रीसुदर्शनमेरुसम्बन्धिषोडशजिनालयस्थजिनबिम्बसमूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं श्रीसुदर्शनमेरुसम्बन्धिषोडशजिनालयस्थजिनबिम्बसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनम्। ॐ ह्रीं श्रीसुदर्शनमेरुसम्बन्धिषोडशजिनालयस्थजिनबिम्बसमूह! अत्र…