02.89 पूजा नं.-89 प्रकीर्णक तारका जिनालय पूजा
पूजा नं.-89 प्रकीर्णक तारका जिनालय पूजा अथ स्थापन-गीता छंद एकेक शशि के प्रकीर्णक, तारे चमकते गगन में। छ्यासठ सहस नौ सौ पचहत्तर कोटिकोटी अधर में।। ये अर्ध गोलक सम इन्हों के, मध्य ऊँचे कूट हैं। उन पर जिनेश्वर धाम पूजूँ, जैन प्रतिमा युक्त हैं।।१।। ॐ ह्रीं मध्यलोके प्रकीर्णकतारा विमानस्थितसंख्यातीतजिनालयजिनबिम्ब समूह! अत्र अवतर-अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ…