श्री पुष्पदन्तनाथ चालीसा
श्री पुष्पदन्तनाथ चालीसा -दोहा- पुष्पदंत भगवान के, चालीसा का पाठ। पढ़ने वालों को मिले, शिवपथ का आधार।।१।। -चौपाई- पुष्पदन्त तीर्थंकर प्यारे, काकन्दी के राजदुलारे।।१।। पिता कहे सुग्रीव तुम्हारे, जयरामा के नयन सितारे।।२।। तुम नवमें तीर्थंकर स्वामी, तुमको कहते अन्तरयामी।।३।। कुन्दपुष्प सम देहकान्ति है, दर्शन से मिटती अशांति है।।४।। पुरुष शलाका त्रेसठ होते, ये सब निश्चित…