अथ प्रशस्ति
अथ प्रशस्ति -गीता छंद- सन्मति प्रभू को नित नमूँ, शासन जिन्हों का आज है। संपूर्ण विघ्नों का प्रणाशन, ही जिन्हों का काम है।। उन धर्म संतति में हुए, श्री कुंदकुंदाचार्य हैं। जो हम सभी जन के लिए, बस एक ही आधार हैं।।१।। श्री कुंदकुंदाम्नाय में शुभ, गच्छ सरस्वति मान्य है। उनमें प्रसिद्धी प्राप्त गण, सु…