श्री पद्मावती स्तोत्र (भाषा)
श्री पद्मावती स्तोत्र (भाषा)….. (शृृंगार करते समय यह स्तोत्र पढ़ें) जिनशासनी हँसासनी पद्मावती माता। भुज चार से फल चार दे, पद्मावती माता।। टेक.।। जब पार्श्वनाथ जी ने शुक्लध्यान आरम्भा। कमठेश ने उपसर्ग तब, किया था अचम्भा।। निज नाथ सहित, आपके सहाय किया है। जिन नाथ को निज माथ पै चढ़ाय लिया है।। जिनशासनी.।।१।। फनतीन सुमन…