(चौबीसी नं. २२) पूर्व पुष्करार्धद्वीप ऐरावतक्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र
(चौबीसी नं. २२) पूर्व पुष्करार्धद्वीप ऐरावतक्षेत्र भूतकालीन तीर्थंकर स्तोत्र -नरेन्द्र छंद पूरब पुष्कर में ऐरावत, क्षेत्र अपूरब सोहे। उनमें तीर्थंकर अतीत के, जनमन का मल धोवें।। समतारस के आस्वादी मुनि, उनके गुण को गाते। हम भी उनकी संस्तुति करके, कर्म कलंक नशाते।।१।। -दोहा- सप्त परमस्थान के, दाता श्री जिनदेव। नमूँ-नमूँ तुमको सतत, करो अमंगल छेव।।२।।…