गुणस्थान रचना (१)
गुणस्थान रचना (१)….. कोष्ठक नं. १ चार्ट का स्पष्टीकरण अब गुणस्थानों में योग को घटित करते हैं तिसु तेरं दस मिस्से सत्तसु णव छट्ठयम्मि एक्कारा। जोगिम्हि सत्तजोगा अजोगिठाणं हवे सुण्णं।।२२।। त्रिषु त्रयोदश दश मिश्रे सप्तसु नव षष्ठे एकादश। योगिनि सप्तयोगा अयोगिस्थानं भवेच्छून्यं।। तीन गुणस्थानों में १३-१३, मिश्र में १०, सात गुणस्थानों में ९-९ एवं छठे…