07. सीता द्वारा चारणमुनियों को आहारदान
सीता द्वारा चारणमुनियों को आहारदान (४०)सीमा से दूर अयोध्या के वहाँ अपनी कुटी बनायेंगे। व्याकुलचित अपनी माओं को, हम वहीं बुलाकर लायेंगे।।इक दिन दंडकवन में नभ से, आये सुगुप्ति और गुप्तिमुनि।सीता के संग आहार दिया, तब हुई गगन से पुष्पवृष्टि।। (४१)सामने वृक्ष पर था बैठा, इक गीध पक्षी भी देख रहा।आहार देखने से उसको, उस…